महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा

Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi VishwaVidyalaya,Wardha

(A Central University established by an Act of Parliament in 1997)

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा

Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi VishwaVidyalaya,Wardha

(A Central University established by an Act of Parliament in 1997)

परिचय

जनसंचार विभाग

जनसंचार विभाग संपूर्ण भारत की विभिन्न भाषाओं में गुंथी हुई संचार व्यवस्था केंद्रित अध्ययन व अनुसंधान को समर्पित है।

विभाग के उद्देश्य

  • संचार की वाचिक परंपरा तथा लिपिविहीन समाजों की संचार संपदा का संकलन और अध्ययन।
  • हिंदी मीडिया की भाषा में हो रहे विकास और ह्रास का अनुशीलन और समुचित दिशा देने का यत्न।
  • स्थान और समय की चुनौतियों के अनुरूप हिंदी मीडिया की भाषा का सिद्धांत निर्माण।
  • इंटरनेट पर उपलब्ध ज्ञान का उपयोग करना और अपने ज्ञान को उस पर अपलोड करना और डिजिटल आर्काइव बनाना।
  • भारत की विभिन्न भाषाओं के मीडिया के साथ हिंदी मीडिया का संबंध जोड़ना और विभिन्न भाषाओं की पत्रकारिता में सहकार संबंध स्थापित करना। भारत की समस्त भाषाओं के मीडिया में संचार सौंदर्य का संकलन और अनुशीलन।
  • सही और गलत समाचारों को अलग करने का शास्त्र और उसकी तकनीक विकसित करना और उसका प्रशिक्षण देना।
  • भोजपुरी, अवधी, बघेली, बुंदेलखंडी, अंगिका, ब्रज, हरियाणवी आदि बोलियोंवाले समाज तथा हिंदीतर भाषाओं के सांस्कृतिक संचार के रूपक और प्रतिमानों का अध्ययन और संकलन।
  • हिंदी मीडिया की भाषा के स्वरूप को गढ़ना और निरंतर समृद्ध करते रहना। उदाहरण के लिए मुबंई के हिंदी मीडिया में मुंबइया हिंदी, हैदराबाद में हैदराबादी हिंदी, कलकत्ता में कलकतिया हिंदी, भोपाल के हिंदी मीडिया में भोपाली हिंदी के संचार प्रभावों का अध्ययन। विज्ञापन की भाषा में भी स्थानीय भाषा के प्रयोग की संभावनाओं का अध्ययन।
  • किसान की भाषा, मजदूर की भाषा, व्यापारियों की भाषा, निम्न मध्यवर्गीय भाषा, सधुक्कड़ी भाषा, घुमंतू और विलुप्त हो रही जनजातियों की भाषा के संचार प्रभावों का अध्ययन।
  • जनभाषा, शास्त्र की भाषा और बाजार की भाषा के बीच संवाद स्थापित करते हुए मुद्रित, दृश्य- श्रव्य और नव माध्यम के लिए लेखन का प्रशिक्षण।
  • वर्तनी का मानकीकरण, सरलीकरण और देसीकरण। तदनुसार मीडिया पाठ्यक्रम तैयार करना और प्रशिक्षण का प्रबंध करना।
  • हिंदी मीडिया का शब्द निर्माण। शब्द कोश निर्माण।

जनसंचार विभाग के शोधार्थियों के शोध विवरण की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें |

जनसंचार विभाग से शोध-वृत्ति प्राप्त शोधार्थियों की सूची

जनसंचार विभाग से UGC-Net परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों की सूची

जनसंचार विभाग से उत्तीर्ण रोजगार प्राप्त विद्यार्थियों की सूची

संचार एवं मीडिया अध्ययन केंद्र के अध्ययन मण्डल (BOS) के बैठकों की कार्यवृत्त

शैक्षणिक/गैर शैक्षणिक सदस्य

PROFESSOR
ASSISTANT PROFESSOR
TECHNICAL ASSISTANT

पाठ्यक्रम

  • पीएच.डी. जनसंचार

पीएच.डी. जनसंचार पाठ्यक्रम न्‍यूनतम चार तथा अधिकतम आठ सेमेस्‍टर का होगा जिसके लिए 120 क्रेडिट निर्धारित है। शोध प्रबंध लेखन एवं मौखिकी के लिए 60 क्रेडिट, कोर्स वर्क 20 क्रेडिट (एम.फिल. उपाधि धारकों के लिए क्रेडिट स्‍थानांतरण सुविधा), टीचिंग एसोशिएटशिप के लिए 20 तथा शोध पत्र/क्षेत्र कार्य प्रतिवेदन/प्रोडक्‍शन इत्‍यादि के लिए 20 क्रेडिट की व्‍यवस्‍था है ।

योग्‍यता – किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त विश्‍वविद्यालय से न्‍यूनतम 55% (अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 50%) अंकों के साथ पत्रकारिता, जनसंचार, इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया, मीडिया प्रबंधन, जनसंपर्क एवं विज्ञापन में स्‍नातकोत्‍तर परीक्षा उत्‍तीर्ण ।

सीटों की संख्‍या – 06

वांछनीय – संबद्ध अनुशासन में एम.फिल./जे.आर.एफ./नेट/अन्‍य राष्‍ट्रीय स्‍तर की परीक्षा उत्‍तीर्ण ।

एम.ए. के बाद सीधे पीएच.डी. में प्रवेश प्राप्‍त विद्यार्थियों को एक सेमेस्‍टर का कोर्स वर्क करना अनिवार्य होगा ।

पाठ्यक्रम (2020)

  • एम.ए.जनसंचार –

यह पाठ्यक्रम चार सेमेस्‍टर तथा 80 क्रेडिट में विभाजित है जिनमें सैद्धांतिकी के साथ प्रायोगिक पक्ष पर भी बल दिया जाता है । इस पाठ्यक्रम के लिए मूल पाठ्यचर्या 14 क्रेडिट प्रति सेमेस्‍टर तथा ऐच्छिक पाठ्यचर्या 06 क्रेडिट प्रति सेमेस्‍टर का होगा । परियोजना एवं प्रोडक्‍शन कार्य तथा इंटर्नशिप इस पाठ्यक्रम का हिस्‍सा होगा ।

योग्‍यता – किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त विश्‍वविद्यालय से किसी भी अनुशासन/विषय में न्‍यूनतम 50% (अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 45%) अंकों के साथ स्‍नातक (10+2+3पाठ्यक्रम) उत्‍तीर्ण ।

सीटों की संख्या – 30
पाठयक्रम (2020-22)

पाठयक्रम

पाठयक्रम (संशोधित)

उपर्युक्‍त सभी स्‍नातकोत्‍तर डिप्‍लोमा (पी.जी.डिप्‍लोमा) पाठ्यक्रम दो सेमेस्‍टर तथा 40 क्रेडिट में विभाजित हैं । प्रत्‍येक पाठ्यक्रम के लिए मूल पाठ्यचर्या 16 क्रेडिट प्रति सेमेस्‍टर का होगा । इसमें मौखिकी के लिए 04 क्रेडिट एवं परियोजना कार्य के लिए 04 क्रेडिट पाठ्यक्रम का हिस्‍सा होगा ।

योग्‍यता – किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त विश्‍वविद्यालय से न्‍यूनतम 50% (अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 45%) अंकों के साथ किसी भी अनुशासन/विषय में स्‍नातक परीक्षा उत्‍तीर्ण ।

सीटों की संख्‍या – 15 (प्रत्‍येक डिप्‍लोमा)

उपर्युक्‍त सभी स्‍नातकोत्‍तर डिप्‍लोमा (पी.जी.डिप्‍लोमा) पाठ्यक्रम दो सेमेस्‍टर तथा 40 क्रेडिट में विभाजित हैं । प्रत्‍येक पाठ्यक्रम के लिए मूल पाठ्यचर्या 16 क्रेडिट प्रति सेमेस्‍टर का होगा । इसमें मौखिकी के लिए 04 क्रेडिट एवं परियोजना कार्य के लिए 04 क्रेडिट पाठ्यक्रम का हिस्‍सा होगा ।

योग्‍यता – किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त विश्‍वविद्यालय से न्‍यूनतम 50% (अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 45%) अंकों के साथ किसी भी अनुशासन/विषय में स्‍नातक परीक्षा उत्‍तीर्ण ।

सीटों की संख्‍या – 15 (प्रत्‍येक डिप्‍लोमा)

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