महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा

Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi VishwaVidyalaya,Wardha

(A Central University established by an Act of Parliament in 1997)

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा

Mahatma Gandhi Antarrashtriya Hindi VishwaVidyalaya,Wardha

(A Central University established by an Act of Parliament in 1997)

अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम

हिंदी विश्‍व की सबसे प्रमुख भाषाओं में से एक है। भारत एवं विश्‍व के दूसरे देशों में इसे बोलने और समझने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्यों के संबंध में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के ‘अधिनियम’ के अनुच्छेद-4 में इस प्रकार स्‍पष्‍टत: अभिकथित है-

“विश्‍वविद्यालय का उद्देश्‍य साधारणत: हिंदी भाषा और साहित्‍य का संवर्धन और विकास करना और उस प्रयोजन के लिए विद्या की सुसंगत शाखाओं में शिक्षण और अनुसंधान की सुविधाएं प्रदान करना; हिंदी और अन्‍य भारतीय भाषाओं में तुलनात्‍मक अध्‍ययनों और अनुसंधान के सक्रिय अनुसरण के लिए व्‍यवस्‍था करना; देश और विदेश में सुसंगत सूचना के विकास और प्रसारण के लिए सुविधाएं प्रदान करना; हिंदी की प्रकार्यात्‍मक प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए अनुवाद, निर्वचन और भाषा विज्ञान आदि जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण के कार्यक्रमों की व्‍यवस्‍था करना; विदेशों में हिंदी में अभिरुचि रखने वाले हिंदी विद्वानों और समूहों तक पहुँचना और विश्‍वविद्यालय में प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए उन्‍हें सहबद्ध करना; और दूर शिक्षा पद्धति के माध्‍यम से हिंदी को लोकप्रिय बनाना, होगा।”

अंतरराष्‍ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य

विश्‍वविद्यालय अधिनियम के अनुच्छेद-4 की अनुरूपता में अंतरराष्‍ट्रीय कार्यक्रम के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

1. हिंदी भाषा और साहित्‍य के संवर्धन एवं विकास के साथ-साथ ही अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी की स्वीकृति के लिए उद्यम करना।

2. हिंदी भाषा के शिक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के उपयोगी पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं मूल्यांकन के मानदंडों का विकास।

3. हिंदी में अभिरुचि रखने वाले विदेशों के हिंदी विद्वानों और समूहों तक अपनी पहुँच बनाकर शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए उन्हें सहबद्ध करना।

4. विश्‍व के विभिन्न देशों में स्थित अकादमिक संस्थानों के साथ संबंधों का विकास।

5. भारतीय संस्‍कृति (जीवन, दर्शन, समाज) से विश्‍व के विविध समुदायों को परिचित कराना और एतदर्थ सुसंगत विद्या-क्षेत्रों में कार्यक्रमों का संचालन।

 

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शैक्षणिक कार्यक्रम

विश्‍वविद्यालय द्वारा संचालित समस्त शैक्षणिक पाठ्यक्रम भाषा विद्यापीठ में संचालित हैं, जिसमें साहित्य, संस्कृति तथा अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठों का भी सहकार है। हिंदी संबंधी विविध पाठ्यचर्याओं का शिक्षण उनमें विशेषज्ञता रखने वाले उपरलिखित विद्यापीठों के शिक्षकों के सहयोग से किया जाता है।

अंतरराष्‍ट्रीय विद्यार्थियों के लिए निम्‍नलिखित शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित हैं:

क्र.सं.

कार्यक्रम का नाम

क्रेडिट

अवधि

1.

अल्पावधि गहन प्रमाण-पत्र

4 सप्ताह

2.

सर्टिफिकेट/डिप्लोमा

16

2 सेमेस्टर

3.

बी.ए. हिंदी: भाषा, साहित्य और संस्कृति

96

6 सेमेस्टर

4.

एम.ए. हिंदी

64

4 सेमेस्टर

नोट-

· उपरोक्‍त कार्यक्रमों संबंधी विभिन्‍न पाठ्यचर्याएं संशोधन प्रक्रिया के अधीन हैं।

· भारतीय संस्कृति संबंधी प्रमाणपत्र कार्यक्रम (1 सेमेस्टर) तथा अन्‍य अल्पकालिक कार्यक्रम प्रस्तावित हैं।

शोध कार्यक्रम

विश्‍वविद्यालय में पूर्णतः हिंदी माध्यम में पी-एच.डी. उपाधि हेतु शोध की व्यवस्था है।

मानक पाठ्यक्रम

     आज दुनियाभर के कई दर्जन विश्‍वविद्यालयों मे हिंदी का अध्‍ययन-अध्‍यापन हो रहा है । वैश्‍वीकरण की प्रक्रिया के कारण विश्‍व बाजार और अनेक देशों में भी हिंदी के प्रति गहरी उत्‍कंठा और उन्‍मुखता का भाव दिखायी पड़ता है । हिंदी के प्रति इस बढ़ते रुझान में दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में रह रहे प्रवासी भारतीयों की बड़ी भूमिका है । जिन-जिन देशों/विश्‍वविद्यालयों में हिंदी पढ़ी-पढ़ायी जाती है उनमें उनकी जरूरत के मुताबिक, अध्ययन के अलग-अलग स्‍तर हैं । लेकिन देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते पारस्परिक सहयोग को ध्यान में रखते हुए अध्‍ययन-अध्‍यापन के क्षेत्र में भी संवाद बढ़ाने की आवश्यकता अनुभव की जा रही है । विभिन्न  विश्‍वविद्यालयों के पाठ्यक्रम एक जैसे हों, पाठ्यक्रमों के स्‍तर भेद कम से कम हों और आधार पाठ्यसामग्री एक जैसी हो तो विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों के बीच विभिन्‍न पाठ्यक्रमों को साझा किया जा सकेगा तथा विद्यार्थी और शिक्षकों की आवश्‍यकता के अनुसार आवा-जाही की प्रक्रिया सहज और सुचारु हो सकेगी । इसी पृष्‍ठभूमि में हिंदी के एक  मानक पाठ्यक्रम का विचार उपस्थित हुआ ।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सब की आवश्यकताओं का आकलन कर  एक मानक हिंदी पाठ्यक्रम तैयार करना चुनौती भरा कार्य है । किसी एक व्‍यक्ति अथवा व्‍यक्तियों के समूह के लिए सभी देशों की परिस्थितियों का अनुभव अथवा उनकी जरूरतों का आकलन करना असंभव-सी  कल्‍पना है । विभिन्‍न देशों में पाठ्यक्रमों के निर्माण, परीक्षा और मूल्‍यांकन के अलग-अलग मानक भी होते हैं । हर स्‍तर के पाठ्यक्रम की अंतर्वस्‍तु में काफी विविधता दिखती है । अनेक देशों के पाठ्यक्रम में हिंदी पाठ्यक्रम दैनंदिन जीवन, बोलचाल और बाजार की भाषा तक ही सीमित है । इसकी तुलना में हिंदी के सम्‍यक् और समर्थ भाषा रूप के प्रति आकर्षण अपेक्षाकृत कम है । प्रवासी भारतीय समूहों की भिन्न प्रकार की अपेक्षाएँ हैं । इस परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार के समर्थन से 9वें विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन, जो 22-24 सितंबर 2012 जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुआ था, उसमें पारित चौथे संकल्‍प के अनुसार महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा को  विदेशों में हिंदी शिक्षण के लिए एक मानक पाठ्यक्रम तैयार किये जाने के लिए अधिकृत किया गया था । विश्वविद्यालय द्वारा निम्‍नलिखित पाठ्यक्रम तैयार किये गये हैं –

1. अल्‍पावधि गहन प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम (04 सप्‍ताह)*

2. आधार पाठ्यक्रम  (एक माह – 04 सप्‍ताह)*

3. डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम (02 सेमेस्‍टर – 01 वर्ष )*

4. बी.ए. हिंदी : भाषा, साहित्‍य और संस्‍कृति (06 सेमेस्‍टर – 03 वर्ष )*

5. एम.ए.हिंदी (04 सेमेस्‍टर – 02 वर्ष)*

 

मानक पाठ्यक्रम के लिए यहाँ क्लिक करें

संकाय सदस्य

अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यतः हिंदी एवं भारतीय संस्कृति संबंधी पाठ्यक्रम संचालित हैं। समस्त पाठ्यक्रम भाषा विद्यापीठ के अंतर्गत संचालित किये जाते हैं, किन्तु शिक्षकों की विशेषज्ञता के अनुसार साहित्य, संस्कृति तथा अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के शिक्षकों का सहयोग उनके विशेषज्ञता-क्षेत्रों के अनुसार लिया जाता है।

Foreign Teaching

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एकल पटल सुविधा:

विश्‍वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करने वाले समस्त विद्यार्थियों को ‘एकल पटल’ सुविधा के अंतर्गत समस्‍त सुविधाएँ एकत्र ही प्राप्‍त हैं। प्रवेश से लेकर उपाधि प्राप्त करने और उसके बाद भी उन्हें एक ही संपर्कसूत्र से जोड़े रखने के लिए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की A2A व्यवस्था विश्‍वविद्यालय द्वारा अंगीकृत है।

उपलब्ध सुविधाएँ:

  • नागपुर एयरपोर्ट अथवा वर्धा/सेवाग्राम रेलवे स्टेशन से विश्‍वविद्यालय परिसर तक आगमन एवं प्रस्थान के समय विश्‍वविद्यालय द्वारा वाहन सुविधा।
  • फादर कामिल बुल्के अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में वातानुकूलित आवासीय सुविधा।
  • स्‍वच्‍छ सामिष एवं निरामिष भोजन।
  • प्रशोधित पेयजल।
  • जिम एवं खेलकूद सुविधा।
  • प्राथमिक चिकित्‍सा सुविधा।
  • सुसज्जित अध्‍यापन-कक्ष।
  • सुसज्जित भाषा प्रयोगशाला।
  • परिसर में 24×7 इंटरनेट सुविधा।
  • केंद्रीय/विद्यापीठ पुस्‍तकालय।

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शुल्क

 

1. सभी पाठ्यक्रमों के लिए अनिवार्य शुल्‍क
Compulsory fees for all courses

राशि ( रुपये/डॉलर में)
Amount in INR/USD

(i) प्रवेश शुल्‍क (Admission fee)

10 USD अथवा 750 INR

(ii) परिचय-पत्र शुल्‍क (Identity card fee)

05 USD अथवा 375 INR

(iii) पुस्‍तकालय शुल्‍क (Library fee)

10 USD अथवा 750 INR
(Per Semester)

(iv) इंटरनेट शुल्‍क (Internet fee)

250 INR (Per Month)
1500 INR (Per Semester)

(v) परीक्षा शुल्‍क (Exam fee)

10 USD अथवा 750 INR
(Per Semester)

2. शिक्षण शुल्‍क ( Tution Fee)

राशि ( रुपये/डॉलर में)
Amount in INR/USD

आधार पाठ्यक्रम (Foundation Course)

150 USD अथवा 11250 INR

अल्‍पावधि गहन/प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
(Short Term Intensive Certificate Course)

200 USD अथवा 15000 INR

डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम ( Diploma Course)

400 USD अथवा 30000 INR
(Per Semester)

बी.ए. हिंदी (भाषा , साहित्‍य और संस्‍कृति)
B.A. Hindi (Language, Literature and Culture)

600 USD अथवा 45000 INR
(Per Semester)

एम.ए. हिंदी ( M.A. Hindi)

800 USD अथवा 60000 INR
(Per Semester)

पी-एच.डी. ( Ph.D.)

2000 USD अथवा 150000 INR
(Per Year)

3. छात्रावास शुल्‍क ( Hostel Fee)

राशि ( रुपये में)
Amount in INR

1. Room Rent
(including AC & Gym with Water Charges)

6000 INR (Per Month)

4. छात्रावास मेस शुल्‍क ( Hostel Mess Fee)

राशि ( रुपये में)
Amount in INR

(i) नाश्‍ता (Breakfast)

100 INR

(ii) लंच/डिनर (Lunch/Dinner)

100 INR (Per Meal)

(iii) चाय (Tea)

15 INR

(iv) कॉफी (Coffee)

20 INR

  

टिप्‍पणी: वर्तमान सत्र: 2020-21 के लिए रु. 75/- प्रति डॉलर की दर से विनिमय दर निर्धारित की गयी है।

 

अनुबंध

विश्‍वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम संबंधी गतिविधियों को व्यापक बनाने के उद्देश्य से विभिन्न शैक्षणिक/ अकादमिक संस्थाओं से समय-समय पर अनेक अनुबंध किये हैं। उनका विवरण इस प्रकार है:

प्रभावी अनुबंध

S.N.

List of Institutional MOUs 

1

Ghent University, Belgium

2

Communication University, China

3

Foreign Studies University, Bejing

4

National University of Singapore

5

Sabargamuva Univeristy, Beliholiya, Srilanka 

कालातीत अनुबंध

S.N.

List of Institutional MOUs

1

Institut national des language et civilisations Orientales a Paris (INALCO)

2

The Asien-Africa-Institute, University of Hamburg

3

Tubingen University, Germany

4

EOTOVAS LORAND University, Hungary

5

University of Turin (Dept. of Oriental Studies), Italy

6

University of Turin, Italy

7

MGI & Rabindranath Tagore Institute, MOKA, Mauritius

8

Moscow State University, Russia

9

Russian State University for the Humanities

10

University of Kelaniya, Sri Lanka

11

Xi’an Jiaotong University

12

Tokyo University of Foreign Studies

कालातीत अनुबंधों का पुनर्जीवित किये जाने की प्रक्रिया जारी है।

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अंतरराष्‍ट्रीय विद्यार्थी विवरण

देशवार विद्यार्थियों/शोधार्थियों का विवरण

    

देश

 संख्या

चीन

79

थाईलैंड

119

मॉरीशस

03

हंगरी

02

बेल्जियम

20

क्रोएशिया

01

जापान

01

जर्मनी

31

इटली

14

ऑस्ट्रिया

03

श्रीलंका

03

फ्रांस

01

आर्मेनिया

01

कजाख्स्तान

12

रूस

05

उज्बेकिस्तान

01

नेपाल

01

बांग्लादेश

01

गयाना

01

योग

299  

 

वर्षवार विद्यार्थियों/शोधार्थियों का विवरण

 

सत्र

संख्या

2007-08

05

2009-10

02

2010-11

03

2011-12

17

2012-13

66

2013-14

30

2014-15

 07

2015-16

15

2016-17

55

2017-18

41

2018-19

19

2019-20

20

2020-21

13

 

 

मानक पाठ्यक्रम

आज दुनियाभर के कई दर्जन विश्‍वविद्यालयों मे हिंदी का अध्‍ययन-अध्‍यापन हो रहा है । वैश्‍वीकरण की प्रक्रिया के कारण विश्‍व बाजार और अनेक देशों में भी हिंदी के प्रति गहरी उत्‍कंठा और उन्‍मुखता का भाव दिखायी पड़ता है । हिंदी के प्रति इस बढ़ते रुझान में दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में रह रहे प्रवासी भारतीयों की बड़ी भूमिका है । जिन-जिन देशों/विश्‍वविद्यालयों में हिंदी पढ़ी-पढ़ायी जाती है उनमें उनकी जरूरत के मुताबिक, अध्ययन के अलग-अलग स्‍तर हैं । लेकिन देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते पारस्परिक सहयोग को ध्यान में रखते हुए अध्‍ययन-अध्‍यापन के क्षेत्र में भी संवाद बढ़ाने की आवश्यकता अनुभव की जा रही है । विभिन्न विश्‍वविद्यालयों के पाठ्यक्रम एक जैसे हों, पाठ्यक्रमों के स्‍तर भेद कम से कम हों और आधार पाठ्यसामग्री एक जैसी हो तो विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों के बीच विभिन्‍न पाठ्यक्रमों को साझा किया जा सकेगा तथा विद्यार्थी और शिक्षकों की आवश्‍यकता के अनुसार आवा-जाही की प्रक्रिया सहज और सुचारु हो सकेगी । इसी पृष्‍ठभूमि में हिंदी के एक मानक पाठ्यक्रम का विचार उपस्थित हुआ ।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सब की आवश्यकताओं का आकलन कर एक मानक हिंदी पाठ्यक्रम तैयार करना चुनौती भरा कार्य है । किसी एक व्‍यक्ति अथवा व्‍यक्तियों के समूह के लिए सभी देशों की परिस्थितियों का अनुभव अथवा उनकी जरूरतों का आकलन करना असंभव-सी कल्‍पना है । विभिन्‍न देशों में पाठ्यक्रमों के निर्माण, परीक्षा और मूल्‍यांकन के अलग-अलग मानक भी होते हैं । हर स्‍तर के पाठ्यक्रम की अंतर्वस्‍तु में काफी विविधता दिखती है । अनेक देशों के पाठ्यक्रम में हिंदी पाठ्यक्रम दैनंदिन जीवन, बोलचाल और बाजार की भाषा तक ही सीमित है । इसकी तुलना में हिंदी के सम्‍यक् और समर्थ भाषा रूप के प्रति आकर्षण अपेक्षाकृत कम है । प्रवासी भारतीय समूहों की भिन्न प्रकार की अपेक्षाएँ हैं । इस परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार के समर्थन से 9वें विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन, जो 22-24 सितंबर 2012 जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुआ था, उसमें पारित चौथे संकल्‍प के अनुसार महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा को विदेशों में हिंदी शिक्षण के लिए एक मानक पाठ्यक्रम तैयार किये जाने के लिए अधिकृत किया गया था । विश्वविद्यालय द्वारा निम्‍नलिखित पाठ्यक्रम तैयार किये गये हैं –

1. अल्‍पावधि गहन प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम (04 सप्‍ताह)*

2. आधार पाठ्यक्रम (एक माह – 04 सप्‍ताह)*

3. डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम (02 सेमेस्‍टर – 01 वर्ष )*

4. बी.ए. हिंदी : भाषा, साहित्‍य और संस्‍कृति (06 सेमेस्‍टर – 03 वर्ष )*

5. एम.ए. हिंदी (04 सेमेस्‍टर – 02 वर्ष)*

मानक पाठ्यक्रम के लिए यहाँ क्लिक करें

 

आनंद के. कुमारस्वामी भारतीय संस्कृति एवं भाषा का अंतरराष्ट्रीय संस्थान

हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षण हेतु मानक पाठ्यचार्याओं की पुनर्रचना तथा मूल्यांकन के मानदंडों का विकास

संपर्क

अकादमिक

संपर्क

प्रवेश

प्रो . हनुमानप्रसाद शुक्ल

प्रतिकुलपति

अधिष्ठाता : भाषा विद्यापीठ

 

Phone : +91-7152-251134

Fax : +91-7152-230903

Mobile : +91-9403783977

E-mail : pvc.mgahv1@gmail.com,
isa.mgahv@gmail.com,
shuklahp7@gmail.com

श्री के.के. त्रिपाठी

सहायक कुलसचिव : प्रवेश 

 

Phone:+91-7152-242812

Moblie: 

E-mail:kktripathi@gmail.com

 

वर्धा कैसे पहुँचें

वायु मार्ग द्वारा

नागपुर वर्धा से निकटतम दूरी पर स्थित एअरपोर्ट है। विश्वविद्यालय परिसर से यह दूरी नागपुर – मुंबई हाइवे पर 70 किमी. है। दिल्ली और मुंबई से नागपुर के लिए सीधी विमान सेवा उपलब्ध है।

रेल मार्ग द्वारा

वर्धा में सेवाग्राम और वर्धा दो रेलवे स्टेशन है, जो राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़े हैं। अधिकांश गाड़ियाँ इन स्टेशनों पर रुकती हैं। नागपुर जंक्शन पर उतर कर सड़क मार्ग से भी वर्धा पहुँचा जा सकता है।

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