परिचय
यह विद्यापीठ संस्कृति एवं समाज विज्ञान के अन्य विमर्शों को समाहित करते हुए बहुसांस्कृतिक अकादमिक विकास के प्रति समर्पित है। विश्वविद्यालय की भुमिका को निश्चित करने तथा यहाँ संचालित कार्यक्रमों लिए गांधी दृष्टि के साथ यह विद्यापीठ शांतिपूर्ण विकास के मूल्यों का मार्ग प्रशस्त करता है। आज के यथार्थ को स्वीकारते हुए मुलवासियों एवं आदिवासियों की जीवन दृष्टि को, स्त्री, दलित एवं अन्य दमित वर्गों के सामाजिक न्याय प्राप्त करने के संघर्ष को अकादमिक बहसों के जरिए सामने लाना इस विद्यापीठ की समग्र दृष्टि एवं कार्यक्रमों का अभिन्न हिस्सा है।
इस विद्यापीठ के अंतर्गत संचालित विभाग-
- गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग
- स्त्री अध्ययन विभाग
- डॉ बाबा साहेब अंबेडकर सिदो कान्हू मुर्मू दलित एवं जनजातीय अध्ययन केंद्र
- डॉ. भदन्त आनन्द कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन केंद्र
- दर्शन एवं संस्कृति
शैक्षणिक/गैर शैक्षणिक सदस्य
PROFESSOR
प्रो. नृपेन्द्र प्रसाद मोदी 07152-230313 isgsnpmodi@gmail.com
लेल्ला कारुण्यकरा 07152-246967 karunyakara@gmail.com
ASSOCIATE PROFESSOR
07152-230313 chinmay69@gmail.com
230313 mishrarakeshkumar2007@gmail.com
drjayantupadhyay@gmail.com
ASSISTANT PROFESSOR
07152-251728 surjeetdu@gmail.com surjeet@hindivishwa.org
pandey.krishnchand15@gmail.com
07152246967 rakeshbbau@gmail.com
8707592756 surya1988bhu@gmail.com
पाठ्यक्रम
योग्यता :
संबद्ध अनुशासन या सामाजिक विज्ञान/मानविकी के किसी भी विषय में न्यूनतम 55% (अनूसचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 50%) अंकों के साथ स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण।
वांछनीय :
संबद्ध अनुशासन या सामाजिक विज्ञान/मानविकी की किसी भी विधा में एम.फिल./जे.आर.एफ./नेट उत्तीर्ण।
एम.ए. के बाद सीधे पी-एच.डी. में प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों को एक छमाही का कोर्स वर्क करना अनिवार्य होगा।
हिंदी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दलित तथा जनजातीय अध्ययन को विस्तार देने की दृष्टि से एम.ए. दलित एवं जनजाति अध्ययन में दो वर्षीय पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है जो चार छमाहियों में पूरा होता है। यह पाठ्यक्रम 64 क्रेडिट का है। इसके साथ ही कम्प्यूटर का अध्ययन अनिवार्य है जो प्रत्येक छमाही में 2 क्रेडिट का है। इस पाठ्यक्रम में कुल 30 सीटें हैं।
योग्यता :
किसी भी अनुशासन में न्यूनतम 45% (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 40%) अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (10+2+3 पाठ्यक्रम) परीक्षा उत्तीर्ण।
एम.ए. के विद्यार्थियों के लिए एक भारतीय अथवा विदेशी भाषा में डिप्लोमा करना अनिवार्य होगा।
पाठ्यक्रम – एम.ए. तृतीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर सत्र 2020-21
विभाग मे संचालित कोर्सेस का पाठ्यक्रम-विवरण (2020-21)
विभाग मे संचालित कोर्सेस का पाठ्यक्रम-विवरण (2015-16 To 2019-20)
हिंदी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध अध्ययन को विस्तार देने की दृष्टि से एम.ए. बौद्ध अध्ययन में दो वर्षीय पाठ्यक्रम सत्र 2009-2010 से चलाया जा रहा है। जो 14 प्रश्न पत्रों और एक परियोजना शोध कार्य व मौखिकी के साथ चार छमाहियों में पूरा होता है, जो 64 क्रेडिट का है। इसके साथ ही कम्प्यूटर का अध्ययन अनिवार्य है, जो प्रत्येक छमाही में 02 क्रेडिट का है। इस पाठ्यक्रम में कुल 30 सीटें हैं।
योग्यता :
किसी भी अनुशासन में न्यूनतम 45% (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 40%) अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (10+2+3 पाठ्यक्रम) परीक्षा उत्तीर्ण।
एम.ए. के विद्यार्थियों के लिए एक भारतीय अथवा विदेशी भाषा में डिप्लोमा करना अनिवार्य होगा।
आज पूरी दुनिया में पर्यटन एक उभरता हुआ व्यवसाय है, कई देशों की अर्थव्यवस्था एवं आय का साधन पर्यटन उद्योग ही है। प्राचीनकाल से ही संसार के अनेक देशों के लिए भारत का बौद्ध धम्म और उससे जुड़े ऐतिहासिक स्थल सदैव आकर्षण व भ्रमण का केंद्र रहे हैं। भारत में बौद्ध पर्यटन की व्यापक संभावनाओं को ध्यान में रखकर, यह रोजगारपरक पाठयक्रम सत्र 2011-2012 से आरंभ किया गया है। क्योंकि आज हम देखते हैं कि पुरातत्व महत्व के बौद्ध स्थलों पर प्रशिक्षित मार्गदर्शक, टूर आपरेटर व गाइड का अभाव है। इस दृष्टि से यह पाठ्यक्रम व्यापक रूप से रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध करायेगा। जो लोग बौद्ध पर्यटन एवं गाइडिंग में रूचि रखते हैं अथवा जो सरकारी या गैरसरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं, उनको विशेषरूप से ध्यान में रखकर यह अंशकालिक पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। इसकी कक्षाएँ सांयकाल में संचालित की जाती हैं।
अवधि:
यह एक वर्षीय अंशकालिक पाठ्यक्रम है, जो पाँच प्रश्न पत्र और एक परियोजना शोध कार्य व मौखिकी परीक्षा के साथ पूरा होता है।
योग्यता:
किसी भी विषय में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण।
यह पाठ्यक्रम सत्र 2008-2009 में आरंभ हुआ, जो इस केंद्र का सबसे पहला पाठ्यक्रम है। जो अभ्यर्थी बौद्ध अध्ययन में रूचि रखते हैं लेकिन दूसरे पाठ्यक्रमों के भी नियमित छात्र हैं अथवा जो लोग सरकारी या गैरसरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं, उनको विशेष रूप से ध्यान में रखकर यह अंशकालिक पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। इसकी कक्षाएँ प्राय: सायंकाल में ही संचालित की जाती हैं।
पूरा पाठ्यक्रम 36 क्रडिट का है। 6-6 क्रडिट के 5 प्रश्नपत्र होंगे। परीयोजना शोध कार्य के लिए 4 क्रेडिट होंगे। मौखिकी 2 क्रेडिट की होगी।
अवधि :
यह एक वर्षीय अंशकालिक पाठ्यक्रम है, जो पाँच प्रश्न पत्र और एक परियोजना शोध कार्य व मौखिकी के साथ पूरा होता है।
योग्यता:
किसी भी विषय में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण।
जो लोग पालि भाषा एवं साहित्य के प्रति जिज्ञासु हैं और वे उसको जानना एवं सीखना चाहते हैं लेकिन दूसरे पाठ्यक्रमों में भी अध्ययनरत हैं अथवा जो लोग सरकारी या गैरसरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं, उनको विशेष रूप से ध्यान में रखकर यह अंशकालिक पाठ्यक्रम सत्र 2010-2011 से चलाया जा रहा है। इसकी कक्षाएँ सांयकाल में संचालित की जाती हैं।
पूरा पाठ्यक्रम 36 क्रडिट का है। 6-6 क्रडिट के 5 प्रश्नपत्र होंगे। परियोजना शोध कार्य के लिए 4 क्रेडिट होंगे। मौखिकी 2 क्रेडिट की होगी।
अवधि:
यह एक वर्षीय अंशकालिक पाठ्यक्रम है, जो पाँच प्रश्न पत्र और एक परियोजना शोध कार्य व मौखिकी परीक्षा के साथ पूरा होता है।
योग्यता:
किसी भी विषय में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण।