परिचय
पृष्ठभूमि –
स्त्री-अध्ययन वस्तुतः ज्ञान की सत्ता-संरचना पर ‘ज्ञान-बहिष्कृतों’ द्वारा किया गया एक सैद्धान्तिक-दार्शनिक हस्तक्षेप है, जो प्रत्येक व्यक्ति की बराबरी एवं एक समतामूलक समाज की स्थापना में विश्वास करता है। यह समाज के प्रत्येक तबके के अनुभवों को केन्द्र में रखकर ज्ञान के प्रति एक नया दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो कि एकपक्षीय ज्ञान की रूढ़ सीमाओं को तोड़कर ज्ञान को उसके बहुआयामी व समग्र रूप में प्रस्तुत करता है। यह सिर्फ एक विषय नहीं है, वरन् यह एक परिप्रेक्ष्य है जो हमें दुनिया को देखने का एक नया नज़रिया देता है, और इसीलिए ज्ञानानुशासन की सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए यह एक अन्तर-अनुशासनिक, बहु-अनुशासनिक एवं परा-अनुशासनिक स्वरूप अख़्तियार करता है। स्त्री अध्ययन की शुरूआत इस तथ्य के साथ होती है कि स्त्री या पुरुष होना मात्र जैविकीय ही नहीं, सामाजिक निर्मिति भी है और इस सामाजिक निर्मिति के आधार पर ही दुनिया के सारे ज्ञान-विज्ञान रचे गए हैं।
एक अकादमिक अनुशासन के बतौर ‘स्त्री अध्ययन’ सिर्फ स्त्रियों का या स्त्रियों के लिए ही नहीं है, बल्कि यह विभिन्नताओं का संयोजन है। यह ‘सम्पूर्ण मानवता’ का अध्ययन है जिसके जरिए हम हाशिए पर खड़े उन सभी समूहों का अध्ययन करते हैं जिन्हें मुख्यधारा का ज्ञान नजरअंदाज करता है। एक विषय के रूप में यह महज कुछ जानकारियों या सूचनाओं को जान लेने या सीख लेने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह जेंडरगत विभेदों के बरक्स उस समतामूलक स्त्रीवादी चेतना को अपने जीवन-व्यवहारों में आत्मसात करने से भी संबंधित है जो बदलाव की शैक्षणिक राजनीति का जरिया हैं। अतएव सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन इस विषय का केन्द्रीय अभिप्रेरक बिन्दु है जिसे भारतीय स्त्री-अध्ययन संगठन के संस्थापक सदस्यों द्वारा एक ‘शैक्षणिक रणनीति’ के रूप में स्वीकार किया गया है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा में 2003 में स्थापित यह स्त्री-अध्ययन विभाग भी अपने वास्तविक जनतान्त्रिक स्वरूप में स्त्री-अध्ययन की मूल अभिप्रेरणाओं से संचालित है। साथ ही यह देश में स्त्री-अध्ययन का अपनी तरह का इकलौता केंद्र है जो भारत के संदर्भ में इस अंग्रेजीमय विमर्श को हिन्दी की व्यापक दुनिया से जोड़ता है और इस तरह भाषाई विविधता लेकिन अंग्रेजी श्रेष्ठताबोध वाले इस देश में ज्ञान के लोकतांत्रिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
हम इसे स्त्री-विमर्श का अन्तरराष्ट्रीय केन्द्र बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
लक्ष्य
स्त्री-अध्ययन के मौजूदा दार्शनिक-सैद्धान्तिक विमर्श का हिन्दी के बौद्धिक-सांस्कृतिक जगत से अकादमिक संबंध बनाते हुए भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट ज्ञान की संभावनाओं को साकार रूप देना और हिन्दी में ज्ञान-विज्ञान के मौलिक चिंतन के विशिष्ट ढंग के जरिए स्त्री-अध्ययन की सैद्धांतिकी को देशीय संदर्भों में विकसित करना।
उद्देश्य
- हिन्दी माध्यम में व्यवस्था की सत्तापरक संरचना की पड़ताल करते हुए जेण्डर संवेदनशील दृष्टिकोण विकसित करना
- हिन्दी भाषा के वृहत्तर परिप्रेक्ष्य में स्त्री विषयक प्रश्नों एवं अधिकारों से विद्यार्थियों को अवगत कराना
- सामाजिक-बौद्धिक हस्तक्षेप के एक संसाधन केंद्र (रिसोर्स सेंटर) के बतौर खुद को समर्थ बनाना
- जेंडर विमर्श को हिंदी प्रदेश के व्यापक समुदाय के बीच प्रसारित करना
- परंपरागत विश्वविद्यालयी शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन का जरिया बनते हुए अकादमिक एवं सामाजिक यथार्थ के बीच के अंतर को समाप्त करना
- स्त्री अध्ययन के क्षेत्र में उत्कृष्ट अध्ययन केन्द्र (Center Of Excellence) के रूप में विकसित होना
पाठ्यक्रम
- निविदा सूचना क्रमांक-MGAHV/CD/34/2023-24/03 (Extra work for Basketball Court in Major Dhyanchand Stadium)
- निविदा सूचना क्रमांक-MGAHV/CD/34/2023-24/04 (Construction of 02 Nos. Parking Shed in Saket Sankul)
- निविदा सूचना क्रमांक-MGAHV/CD/34/2023-24/05 (Construction of CC Road & Leveling work near Haldi Ghati & Providing and Fixing of Paver Block in Chhatrapati Sambhaji Maharaj Hostel at North Campus)
- निविदा सूचना (क्रमांक-MGAHV/CD/34/2023-24/02- Empanelment of Contractors for Civil, Fabrication and other Works)
परीक्षा-परिणाम
- एम.ए. समाजशास्त्र (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर
- बी.ए. सामान्य (सत्र : 2020-23) चतुर्थ सेमेस्टर (पूरक)
- बी.ए. सामान्य (सत्र : 2020-23) तृतीय सेमेस्टर (पूरक)
- एम.एस.डब्ल्यू. (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- एम.एस.डब्ल्यू. (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : एम.एस.डब्ल्यू. (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- बी.ए. सामान्य (सत्र : 2020-23) द्वितीय सेमेस्टर
- एम.ए. इतिहास (सत्र : 2022-24) प्रथम सेमेस्टर
- एम.ए. राजनीति विज्ञान (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2019-22) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2021-24) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2018-21) द्वितीय सेमेस्टर (पार्ट-I)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2018-21) चतुर्थ एवं सकल सेमेस्टर (पूरक)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2019-22) चतुर्थ सेमेस्टर (पूरक)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2019-22) षष्ठ एवं सकल सेमेस्टर (पूरक)
- जेंडर अध्ययन में पी.जी. डिप्लोमा (सत्र : 2021-22) द्वितीय एवं सकल सेमेस्टर
- एम.ए. हिंदी (भाषाशिक्षण) (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- बी.ए. सामान्य (सत्र : 2020-23) चतुर्थ सेमेस्टर
- पत्रकारिता एवं जनसंचार (सत्र : 2020-23) द्वितीय सेमेस्टर (पूरक)
- पत्रकारिता एवं जनसंचार (सत्र : 2020-23) पंचम सेमेस्टर (पूरक)
- MCA (सत्र : 2022-24) प्रथम सेमेस्टर
- एम.ए. जनसंचार (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर (पार्ट-II)
- एम.ए. बौद्ध अध्ययन (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2021-24) तृतीय सेमेस्टर
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2020-23) तृतीय सेमेस्टर (पूरक)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2020-23) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2020-23) पंचम सेमेस्टर (पूरक)
- क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज : मास्टर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2019-21) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता : एम.ए. हिंदी साहित्य (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- एम.ए. नाट्यकलाशास्त्र (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- एम.ए. हिंदी साहित्य (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- एम.ए. फिल्म अध्ययन (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- एम.ए. इतिहास (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- एम.ए. दर्शनशास्त्र (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- एम.ए. समाजशास्त्र (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- एम.ए. स्त्री अध्ययन (सत्र : 2017-19) चतुर्थ एवं सकल सेमेस्टर
- बी.कॉम. (सत्र : 2018-21) प्रथम एवं सकल सेमेस्टर (संशोधित)
- बी.एड. (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- बी.ए.एलएल.बी.(आनर्स) पंचवर्षीय स्नातक कार्यक्रम (सत्र : 2021-26) तृतीय सेमेस्टर
- क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता : एम.ए. हिंदी साहित्य (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर (पार्ट-I)
- एम.ए. नाट्यकलाशास्त्र (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- एम.ए. हिंदी साहित्य (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- बी.ए. मानवविज्ञान (ऑनर्स) (सत्र : 2019-22) चतुर्थ एवं सकल सेमेस्टर (पार्ट-I)
- बी.एड. (सत्र : 2021-23) प्रथम सेमेस्टर (पूरक)
- बी.ए. भाषाविज्ञान (ऑनर्स) (सत्र : 2019-22) चतुर्थ एवं सकल सेमेस्टर
- एम.ए. दलित एवं जनजातीय अध्ययन (सत्र : 2021-23) तृतीय सेमेस्टर
- पी-एच.डी. स्त्री अध्ययन (सत्र : 2021-22) कोर्स वर्क (पूरक)
- स्त्री एवं मीडिया में पी.जी. डिप्लोमा (सत्र : 2019-20) द्वितीय एवं सकल सेमेस्टर (पूरक)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2018-21) पंचम एवं सकल सेमेस्टर (पूरक)
- बैचलर ऑफ सोशल वर्क (सत्र : 2019-22) पंचम सेमेस्टर (पूरक)
- सर्जनशीलता संवर्धन शिविर 2023 के सुचारू संचालन हेतु समितियों का गठन।
- Infrastructure and Extension Activities Monitoring Committee का गठन।
- Academic Monitoring Committee का गठन।
- विश्वविद्यालय में छात्र शिकायत निवारण समिति (SGRC) के गठन की अधिसूचना।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023
- वर्धा में पड़ रही भीषण गर्मी तथा विश्वविद्यालय द्वारा घोषित ग्रीष्मावकाश के स्नातक तथा स्नाकोत्तर विद्यार्थियों को अपने-अपने गृहनगर को प्रस्थान करने के संबंध में सूचना।
- लैंगिक उत्पीड़न के विरूद्ध आंंतरिक शिकायत समिति का गठन।
- विश्वविद्यालय के ज्येष्ठ विद्यार्थियों से संबंधित परिपत्र।
- प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी, गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग अधिवर्षिता की आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत्त संबंधी अधिसूचना।
- विश्वविद्यालय में वर्ष 2023 हेतु राजपत्रित एवं वैकल्पिक अवकाश संबंधी परिपत्र।